भारत का सबसे बेस्ट पुलिस स्टेशन मणिपुर में हुई महिलाओं संग दरिंदगी! से बस 1 किलोमीटर था दूर

मणिपुर से इंसानियत को शर्मसार करने वाले वीडियो सामने आने के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है. मणिपुर में जहां ये घटना हुई, वो जगह नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से महज एक किलोमीटर दूर थी. इस बात का खुलासा सैटेलाइट इमेज से हुआ है. इतना ही नहीं, ये वही थाना है जिसे बेस्ट पुलिस स्टेशन का खिताब मिल चुका है.

 
 मणिपुर में महिलाओं पर हुए जुल्म के वीडियो वायरल होने के बाद पूरा देश स्तब्ध है. यहां कुकी समुदाय की 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर दौड़ाया गया, उनके साथ मारपीट की गई. ये वीडियो 4 मई का है, जिसे बुधवार को वायरल किया गया. इस घटना में हैरान करने वाले 2 पहलू हैं. पहला- 4 मई को कांगपोकपी के बी फाइनॉम गांव में 1000 सशस्त्र हमलावर घुसे. कुकी समुदाय के 2 पुरुष और 3 महिलाएं डर के मारे जंगल में छिप गए. उन्हें हमलावरों ने पकड़ लिया. नोंगपोक सेकमाई पुलिस ने उन्हें छुड़ाया और थाने ले जाने लगी, लेकिन भीड़ ने पुलिस से उन्हें छीन लिया. 

दूसरा- ये पहलू ज्यादा खतरनाक है. दरअसल, इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) की टीम ने सैटेलाइट इमेज  का विश्लेषण किया है. इस फुटेज में ये साफ पता चल रहा है कि ये घटना उस पुलिस स्टेशन से महज एक किमी दूर हुई थी, जिसे सरकार ने देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशन का दर्जा दिया था.

 हर साल भारत सरकार कई मानकों पर परखने के बाद देशभर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पुलिस स्टेशनों का चयन करती है. गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार सिलेक्शन के मानदंडों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के साथ-साथ कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों में पुलिस का प्रदर्शन भी शामिल है. नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन को साल 2020 में 'देश में सर्वश्रेष्ठ' पुलिस स्टेशन का दर्जा दिया गया था. जिस वीडियो ने देशभर में आक्रोश फैलाया, वह उस जगह से महज एक किलोमीटर दूर है जहां भीड़ ने कुकी समुदाय की महिलाओं के साथ दरिंदगी की.

नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन को बेस्ट पुलिस स्टेशन का खिताब मिला था.

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं पर हमला 4 मई को हुआ था, लेकिन 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद देश के हर नागरिक में गुस्सा है. घटना के सटीक स्थान की पहचान करने के लिए आजतक ने दक्षिणी चोटियों की ओपन-सोर्स सैटेलाइट इमेज का विश्लेषण किया. तस्वीरों में से एक हैरान करने वाली फुटेज मिली. दरअसल, FIR में इस बात का उल्लेख किया गया है कि घटना दोपहर 3 बजे हुई, जिससे हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि उस वक्त सूर्यास्त हो रहा था और फुटेज भी ये साफ नजर आ रहा है कि ये क्षेत्र निश्चित रूप से पश्चिम (West) था. वीडियो से निकाले गए फ़्रेमों का बी. फीनोम गांव में स्थित पर्वत श्रृंखलाओं के लेआउट की जांच कर मिलान किया गया तो यह सामने आया कि ये स्थान नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन के आसपास के क्षेत्र में स्थित है.


गूगल अर्थ पर भी दिखाई दे रही इमेज

 


हमारी जांच अब नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन और नोंगमाई चिंग और ताम्पाबा की चोटियों के बीच के क्षेत्र को घेरने वाले क्षेत्र पर केंद्रित हो गई. वीडियो में पहाड़ियों के ठीक नीचे एक छोटी सी सफेद झोपड़ी दिखाई दे रही है. वही सफेद झोपड़ी Google Earth की सैटेलाइट इमेज पर भी दिखाई दे रही थी, जो हमारी जांच में सामने आई थी. 

सैटेलाइट इमेज और वीडियो में ये समानताएं


वीडियो के एक फ्रेम में भीड़ 2 महिलाओं को धान के खेतों के पार छोटी सफेद झोपड़ी के पास ले जाते हुए भी दिखाई दे रही है. उसी रास्ते को फॉलो कर हमने ये पता लगाया कि भीड़ कहां जा रही है. तब भीड़ एक दूसरी सड़क पर उतर जाती है, जो कि वीडियो में दिखाई दे रही सड़क के बराबर में ही थी. हमने अपनी जांच को और भी ज्यादा सटीक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए कुछ और सैटेलाइट तस्वीरें लीं. इन तस्वीरों में हमें सड़क के किनारे स्थित एक पेड़ दिखाई दिया, जो कि वीडियो में भी दिखाई दे रहा है. जब वीडियो फिल्माने वाले व्यक्ति ने अपना कैमरा दाहिनी ओर घुमाया तो नारंगी रंग की छत वाले एक पक्के घर के बगल में एक पहाड़ी दिखाई दी. इसकी तस्वीर भी सैटेलाइट इमेज से मेल खा गई. इतना ही नहीं, वीडियो में दर्शाए गए धान के खेत के लेआउट भी सैटेलाइट इमेज में दिखाई दे रहे हैं.

पुलिस स्टेशन से बेहद करीब है घटनास्थल 


चौंकाने वाली बात ये है कि Google Earth के अनुसार हमले की जगह नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से लगभग 850 मीटर की दूरी पर है, जिसे 2020 में 'देश में सर्वश्रेष्ठ' पुलिस स्टेशन के खिताब से सम्मानित किया गया था. वह क्षेत्र जो पिछले दो महीनों से जातीय हिंसा के बीच चुनौती बना हुआ है, लेकिन हकीकत अभी भी सामान्य से दूर है, क्योंकि स्थानीय लोग राहत शिविरों में, कर्फ्यू, इंटरनेट शटडाउन, छिटपुट हत्याओं और आगजनी से जूझते हुए जीवन जी रहे हैं.

 

 

इस सवाल का कोई स्पष्ट जवाब नहीं हो सकता. क्योंकि पुलिस को संदिग्धों को गिरफ्तार करने में 2 महीने से अधिक समय लग गया. इससे भी कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर कई सवाल उठ रहे हैं. ये क्षेत्र एक पहाड़ी ग्रामीण क्षेत्र है, जहां आबादी बिखरी हुई है. ग्रामीण परिवेश में घनी आबादी वाले बहुमंजिला इमारतों की तुलना में खोजना आसान होगा. नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से लेकर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पहले आरोपी के गांव पेची अवांग लीकाई तक के घरों का अनुमान लगाने के लिए हमने Google के 'ओपन बिल्डिंग डाटासेट' का उपयोग किया.

 

नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन के पास की सैटेलाइट इमेज  

 डाटा की जांच करने पर हुए खुलासे


आंकड़ों के आधार पर हमें क्षेत्र में कुल 7040 घर मिले. जिनका औसत क्षेत्रफल 59.6 वर्ग मीटर है. हमने उन संरचनाओं को फ़िल्टर करने के लिए इस डाटा को और साफ किया. हमने Google के मानक कॉन्फिडेंस स्कोर का उपयोग किया. जो अपुष्ट इमारतों को फ़िल्टर करने के लिए प्रदान किया गया एक पैरामीटर है. नतीजतन 75 वर्ग मीटर के औसत क्षेत्रफल के साथ संभावित इमारतों की संख्या घटकर 4603 हो गई. सरल शब्दों में पुलिस पूरे मोहल्ले की जांच कर सकती थी, अगर उसने प्रति घंटे 3 घरों की तलाशी ली होती, तो भी वीडियो के वायरल होने से बहुत पहले ही पूरे मोहल्ले की तलाशी ले सकती थी.


No comments

Powered by Blogger.